गार्डनिंग करने का शौक ज्यादातर लोगों को होता है. ज्यादातर लोग इसे पारंपरिक तरीके से ही करते हैं, लेकिन आज के टाइम में कई तकनीकें इजाद हो चुकी हैं, जिसमें से एक है ग्राफ्टिंग, जिससे एक ही पेड़ पर दूसरी चीजें भी उगाई जा सकती हैं. जान लेते हैं इसके बारे में डिटेल के साथ.गार्डनिंग करने का शौक है और फूलों से लेकर फलों, सब्जियों तक के पौधे आप अपने यहां उगाते हैं तो आपको ग्राफ्टिंग तकनीक के बारे में जरूर पता होना चाहिए. जिसमें दो पौधों को मिलकर एक नया पौधा या उसकी किस्म विकसित की जाती है. इस तकनीक के जरिए कई तरह के पौधे जैसे गुलाब, सेब, जामुन, संतरा जैसे कई तरह के पौधे आप एक से दूसरे के साथ ग्रो कर सकते हैं. आपने कई बार इससे जुड़ी रील, शॉर्ट वीडियो भी यूट्यूब या सोशल मीडिया का टाइम लाइन में देखी होंगी. इसके बारे में डिटेल के साथ इस आर्टिकल में जानेंगे.
जब आपने पौधों की ग्राफ्टिंग की कोई वीडियो देखी होगी तो शायद या तो आपने उसे फेक समझा होगा कि एक ही पौधे में दूसरा पौधा कैसे ग्राफ्ट किया जा सकता है या फिर आपके मन में सवाल आया होगा कि क्या मल्टीपल फ्रूट्स एक पेड़ पर उग सकते हैं, तो चलिए जान लेते हैं इस बारे में.
ग्राफ्टिंग क्यों करते हैं?
लोग कई तरह के एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं और इसी तरह से ग्राफ्टिंग की तकनीक विकसित की गई है. जिसमें दो पौधों को जोड़कर लोग नई किस्म भी तैयार करते हैं. इस तकनीक से दो पौधों के ऊतक जब मिल जाते हैं तो एक ही पौधे की तरह बढ़ने लगते हैं, जिससे तैयार होने वाले फलों या फूलों में नया रिजल्ट देखने को मिलता है.
क्या कई फल लग सकते हैं एक ही पेड़ पर?
सवाल आता है कि ग्राफ्टिंग से अलग-अलग फल एक ही पेड़ पर उग सकते हैं. इसका जवाब है कि हां आप एक ही पेड़ पर अलग-अलग फल उगा सकते हैं, लेकिन इनकी किस्म एक ही होनी चाहिए जैसे नींबू, संतरा, मौसमी, आम की अलग-अलग किस्में एक पेड़ पर या फिर सेब की 3-4 वैरायटी एक ही पेड़ पर उगाना. अलग-अलग फलों पर अभी और एक्सपेरिमेंट की जरूरत है.
कितनी तरीके की होती है ग्राफ्टिंग?
आपने वीडियो में लोगों को अलग-अलग तरीके से पेड़-पौधों में ग्राफ्टिंग करते हुए देखा होगा. इनके नाम भी अलग-अलग होते हैं, जिसे रिजल्ट में भी फर्क आता है. इसमें एप्रोच ग्राफ्टिंग, स्पिलस ग्राफ्टिंग, सैडल ग्राफ्टिंग, साइड ग्राफ्टिंग, फ्लैट ग्राफ्टिंग समेत क्लेफ्ट ग्राफ्टिंग को मिलाकर ये 6 तरीके शामिल हैं.
क्या होते हैं फायदे?
ग्राफ्टिंग के जरिए आप कम जगह में ज्यादा पैदावार करने के साथ ही एक से अधिक किस्में भी उगा सकते हैं. इसके लिए अलग पेड़ के लिए जरूरत नहीं पड़ती है और बीज के मुकाबले कलम से ग्राफ्ट किए पेड़ तेजी से ग्रो होते हैं, जिससे समय भी कम लगता है. हालांकि कुछ बातों को ध्यान में रखना चाहिए जैसे मौसम सही हो, किसी तरह का पौधे का रोग या कीट का प्रबंधन सही रखें, इसके अलावा पौधे को पानी और पोषण बराबर तरीके से मिलना चाहिए.
घर में कर सकते हैं ग्राफ्टिंग?
आपके मन में भी ये सवाल आता होगा कि क्या आप भी इसे कर सकते हैं. इसका जवाब है हां, क्योंकि ये इतनी मुश्किल भी नहीं है, बस आपकी सही तरीका पता होना चाहिए. आप घर के टेरिस गार्डन में भी ग्राफ्टिंग प्रोसेस को ट्राई कर सकते हैं. इसके लिए एक पौधा जड़ समेत लेना होता है और इसमें दूसरे पौधे की कलम बनाकर उसे जड़ वाले पौधे के तने में ड्राफ्ट करना होता है और फिर इसे जोड़ दिया जाता है. इसके लिए आप एक तेज चाकू या प्रूनर ले सकते हैं, जिससे तिरछे कट लगाकर दूसरे पौधे की कलम को इसमें जोड़कर टेप की मदद से बांध देते हैं जिससे पौधों के ऊतक में जुड़ाव की वजह से दूसरा पौधा ग्रो होने लगता है.