साउथ इंडिया अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के साथ ही खानपान के लिए भी जाना जाता है. यहां पर ज्यादातर डिश को बनाने के लिए दाल, चावल, नारियल और कुछ मसालों का उपयोग किया जाता है. सांभर, इडली, डोसा, उत्तपम, नारियल और कई तरह की चटनियों का स्वाद अद्भुत होता है. यह सिर्फ साउथ ही नहीं बल्कि देशभर के लोगों की पसंद है. तमिलनाडु में पनीयारम और अडाई, कर्नाटक में नीर डोसा और केरल में अप्पम और पुट्टू हर साउथ के राज्य अपने खानपान के लिए जाना जाता है.
आप में से कई लोगों को साउथ इंडिया फूड बहुत पसंद होता है. लेकिन जब बात इसे घर पर बनाने की आती है. तो डोसा और इडली जैसी कई चीजें सही से खुद नहीं बन पाती हैं या फिर उसकी स्वाद सही नहीं आता है. ऐसे में अगर आपके साथ भी ऐसा होता है. तो इसके पीछे डिश को बनाते समय की गई कुछ गलतियां हो सकती हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में इस आर्टिकल में
सांभर बनाते समय न करें ये गलती
अगर सांभर का स्वाद सही नहीं आ रहा है. तो इसके पीछे सांभर मसाले को सही मात्रा में न डालना हो सका है. कई लोग बाजार से सस्ता सांभर मसाला खरीद लेते हैं जो न तो ताजा होता है और न ही उसका टेस्ट सही होता है. ऐसे में सांभर का स्वाद फीका पड़ सकता है. इसलिए सही मात्रा और क्वालिटी का ध्यान रखें. आप घर पर लाल मिर्च, धनिया, मेथी, चना दाल, उड़द दाल, हींग, करी पत्ता और नारियल को भूनने के बाद पीसकर बना सकते हैं.
रसम में ज्यादा मसाले या कम टमाटर डालना
रसम एक हल्का और खट्टा सूप होता है. जिसे बनाने के लिए टमाटर और मसालों का उपयोग किया जाता है. इसे बनाते समय बहुत ज्यादा मसाले का उपयोग नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे स्वाद कड़वा हो सकता है. कम टमाटर और इमली डालने से उसा खट्टापर सही रह सकता है.
सही तरह से तड़का न लगाना
साउथ इंडियन डिश में तड़का बहुत जरूरी होता है. बहुत से लोग सिर्फ सरसों के दाने डालते हैं और बाकी के मसाले डालना भूल जाते हैं. जिससे स्वाद सही नहीं आता है. इसलिए तड़का लगाते समय नारियल तेल या घी का उपयोग करें. उसमें सरसों, हींग, करी पत्ता, सूखी साबुत लाल मिर्च और कुछ डिश में मेथी दाना भी डाल सकते हैं. इससे सांभर का स्वाद बढ़ जाएगा.
साउथ इंडियन डिश ( Credit : Getty Images )
इडली का बैटर
इडली की सॉफ्टनेस बैटर पर निर्भर करती है. कई बार चावल और दाल की मात्रा का सही ध्यान न देने के कारण इडली कड़ी या स्वाद में खट्टी बन सकती है. इसलिए इडली का बैटर बनाते समय 3:1 रेशों यानी की चावल: उड़द दाल रखें. बैटर को 8 से 12 घंटे तक गर्म जगह पर ढककर रखें ताकि वह अच्छे से फर्मेंटेशन हो जाए. ठंडे मौसम में दिन के समय आप धूप में ढक्कर दोपहर में कुछ समय के लिए रख सकते हैं.
डोसा बनाते समय न करें ये गलती
डोसा बनाते समय बैटर बहुत ज्यादा गाढ़ा या पतला नहीं होना चाहिए. बैटर को इतना पतला करें कि वो तवे पर आसानी से फैल जाएं. लेकिन तवे से बहने न लगाएं. बैटर का उपयोग करने से पहले उसे अच्छी तरह से फेंटे. इसके साथ ही तवे पर ग्रीस न होने के कारण डोसा सही से नहीं बन पाता है. इसके लिए नॉन स्टिक पैन का उपयोग करना ज्यादा सही रहेगा. बैटर सही से फरमेंटेड होना चाहिए.
नारियल की चटनी
नारियल की चटनी साउथ इंडिया खाने का अहम हिस्सा है. लेकिन कई बार इसका स्वाद सही नहीं लगता है. ऐसे में ध्यान रखें कि इसमें तड़का लगाना बहुत जरूरी होता है. नारियल की चटनी का पेस्ट बनाने के बाद में इसका तड़का तैयार करें. इसके लिए हरी मिर्च, भुनी चना दाल, अदरक और थोड़ा सा दही मिलाकर चटनी बनाएं. ऊपर से सरसों, करी पत्ता और हींग का तड़का लगाना भी जरूरी है.