कई लोगों को गार्डनिंग करना बहुत पसंद होता है. वह अलग-अलग तरह के पौधे घर की छत या फिर बालकनी में लगाते हैं. जिसमें एलोवेरा प्लांट भी कई लोगों के घरों में देखने को मिलता है. इसका उपयोग भी किया जा सकता है. मार्केट में एलोवेरा से बने कई प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं क्योंकि स्किन और हेयर केयर के लिए इसका इस्तेमाल ज्यादातर लोग करते हैं. इसमें मौजूद पोषक तत्व स्किन को ग्लोइंग और बालों को सॉफ्ट बनाने में मदद करते हैं. साथ ही इसका जूस भी पिया जाता है, जो सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद माना जाता है. ऐसे में आप घर पर इसका प्लांट लगा सकते हैं.
घर पर एलोवेरा लगे होने से आप जब चाहें इसका उपयोग कर सकते हैं. अगर आप भी घर पर पहली बार गमले में एलोवेरा लगाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि एक छोटी से गलती प्लांट की ग्रोथ पर असर डाल सकती हैं. आइए जानते हैं गमले में एलोवेरा लगाने का सही तरीका क्या है, इस कितना पानी देना चाहिए और किस तरह उसकी केयर करनी चाहिए.
एलोवेरा को गमले में उगाने का तरीका
इसके लिए सबसे पहले तो आप कम से कम 12 इंच गहरा हो और थोड़ा चौड़ा गमला लें. इससे पौधे की सही तरीके से ग्रोथ होती है. इसके लगाने के लिए काली मिट्टी और वर्मी कम्पोस्ट दोनों को मिलाकर उपयोग करना ज्यादा सही रहता है. ऐसी मिट्टी जो पानी अब्सॉर्ब कर ले. इसके लिए आप कैक्टस पॉटिंग मिक्स का उपयोग भी कर सकते हैं.
कौन-सी जगह है सही?
एलोवेरा का पौधा लगाने के लिए सनलाइट वाली जगह को चुनना चाहिए. इसे गर्म और धूप वाली जगह पसंद होती है. इसलिए एलोवेरा के गमले को बालकनी या फिर छत पर रखें. इसके अलावा इसे अगर घर के अंदर उगाना चाहते हैं, तो खिड़की के पास वाली जगह पर रखें, जहां से उसे सनलाइट मिलती रहे. इसके साथ ही ध्यान दें इस पौधे को बहुत ज्यादा पानी न दें.
इस तरह लगाएं पौधा
आप एलोवेरा का छोटा पौधा या इसकी जड़ का उपयोग कर सकते हैं. अगर जड़ में नमी है, तो इसे 1 से 2 दिन तक सूखने दें. क्योंकि इससे जड़े सड़ सकती हैं. अब गमले में मिट्टी डालें. फिर पौधे को या फिर जड़ को बीच में रखें और जड़ों को ढकते हुए आसपास मिट्टी से भरें. बस ध्यान रखें की एलोवेरा की पत्ती मिट्टी के नीचे नहीं चाहिए. पौधा लगाने के तुरंत बाद ही इसे पानी दें. इसके बाद सिर्फ तब पानी दें जब मिट्टी सूखी हुई दिखने लगे. क्योंकि इस पौधे को ज्यादा पानी देने से उसकी जड़ें सड़ सकती हैं. इसमें मिट्टी सूखने पर पानी डालें. हर 2 से 3 महीने में थोड़ी खाद जैसे कि गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट डाल सकते हैं. इसकी गुड़ाई करें. सूखी या सड़ी हुई पत्तियां समय-समय पर काटते रहें.
एलोवेरा की देखभाल कैसे करें?
एलोवेरा की ग्रोथ के लिए सनलाइट की जरूरत होती है. लेकिन जब गर्मी में दिन के समय धूप बहुत ज्यादा तेज होती है, तो इसे छांव वाली जगह पर रखें या फिर नेट शेड का उपयोग भी किया जा सकता है. इसके अलावा एलोवेरा के पौधे में ज्यादा पानी नहीं देना चाहिए. जब मिट्टी सूखने लगे तब इसमें पानी डालें. ध्यान रखें कि पानी देने के बाद गमले से एक्स्ट्रा पानी निकल जाए.
एलोवेरा को बहुत ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती है. 40 से 50 दिन के बीच आप इसमें वर्मी कम्पोस्ट या गोबर खाद डाल सकते हैं. इसमें केमिकल वाली खाद न डालें क्योंकि यह औषधीय पौधा है. हमेशा निचली और बाहरी पत्तियों को काटें, क्योंकि यह सबसे पुरानी होती है.
इन समस्याओं से बचाएं
एलोवेरा का पौधे में सबसे ज्यादा देखने जाने वाली समस्या है कि इसकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं या पानी गमले में रहता है. जिसका कारण ज्यादा पानी देना या गमले में से एक्स्ट्रा पानी न निकल पाना है. इसलिए मिट्टी सूखने पर पानी दें और गमले में ड्रेनेजर सुधारें. अगर पत्तियां सिकुड़ रही हैं, तो इसका कारण बहुत ज्यादा धूप या पानी की कमी हो सकती है. इसके लिए समय पर पानी दें और दोपहर की तेज धूप से इसका बचाव करें.
अगर इसमें कीड़ा या फफूंदी लग रही है तो इसके लिए आप नीम के तेल का स्प्रे कर सकते हैं. इसके अलावा गमल में उग रहे बेबी प्लांट को हटाए और दूसरे गमले में लगा सकते हैं. अगर एलोवेरा बड़ा हो जाए या जड़ें गमले से बाहर दिखने लगें, तब उसे बड़े गमले में शिफ्ट करें. बहुत ज्यादा ठंड से बचाएं. धूप वाली जगह पर रखें. एलोवेरा की पत्तियों को काटने के लिए तेज चाकू या फिर कैंची का उपयोग करें. थोड़ी सी देखभाल से यह पौधा सालों तक हरा-भरा बना रह सकता है.